के एस राधाकृ

के एस राधाकृ ष्णन तमिलनाडुके एक राजनीमतक मिश्लेषक, कानूनी मिशेषज्ञ, िानिामधकार कार्यकताय, लेखक और स्तंभकार हैं। के एस राधाकृ ष्णन तमिलनाडुके एक राजनीमतक मिश्लेषक, कानूनी मिशेषज्ञ, िानिामधकार कार्यकताय लेखक और स्तंभकार हैं।
के एसआर, जैसा मक उन्हेंप्यार सेकहा जाता है, का जन्म 31 मिसंबर, 1956 को तमिलनाडुके मतरुनेलिेली मजलेके कु रुं जाकु लि गांि िेंएक कृ मष पररिार िेंहुआ था। अपनी स्नातकोत्तर और कानून की मडग्री पूरी करनेके बाि, उन्हो ंने1981 िेंबार काउं मसल ऑफ तमिलनाडुके साथ एक िकील के रूप िेंखुि को नािांमकत मकर्ा, और उच्च न्यार्ालर् के न्यामर्क और आपरामधक क्षेत्रामधकार के िूल पक्ष और अपीलीर् पक्ष िेंररट का अभ्यास करना शुरू कर मिर्ा और िध्यस्थता भी की।
वह सबसे कम उम्र के और अपनी तरह के पहले व्यक्ति थे जब तीस साल पहले उन्हें ककसी राजनीकतक दल के प्रमुख प्रविा के रूप में नाकमत ककया गया था। एक राजनीकतक काययकताय के रूप में, उन्हहोंने अक्सर जेलहों की भीतरी दीवारहों कह देखा है। अपने बावन साल के राजनीकतक जीवन में उन्हहोंने कई आोंदहलनहों में भाग कलया और कई बार कगरफ्तारी दी। उन्हहोंने छद्म राजनीकत की कभी परवाह नहीों की और उनका सावयजकनक जीवन बेदाग रहा। वह मृदुभाषी हैंऔर सावयजकनक जीवन मेंउच्च नैकतकता कह कायम रखतेहैं। वह हमेशा खुद कह भरहसेमोंद और वास्तकवक राजनीकतक गकतकवकियहों के क्षेत्र में रखते हैं। उन्हेंकानूनी समिर्ता िेंउनकी श्रेष्ठता के मलए जाना जाता हैऔर उनकी सराहना की जाती है।



उन्हो ंनेसािान्य कारणो ंके मलए भारत केसिोच्च न्यार्ालर् और िद्रास उच्च न्यार्ालर् िेंजनमहत र्ामिका (PIL) िार्र की है। कु छ सबसेप्रमसद्ध र्ामिकाएं थी ंजो 1983 सेनमिर्ो ंके राष्ट्रीर्करण, राष्ट्रीर् नमिर्ो ंको जोड़नेऔर पमिि की ओर बहनेिाली नमिर्ो ंको के रल सेतमिलनाडु(पमििी घाट सेउत्पन्न) की ओर िोड़नेकी िांग करती हैं। उन्हो ंनेकै मिर्ो ंके मलए ितिान के अमधकार के मलए भी लड़ाई लड़ी थी और भारत केसिोच्च न्यार्ालर् िेंपंिार्त राज के मलए मत्रस्तरीर् व्यिस्था।



िद्रास िेंउच्च न्यार्ालर् केन्यामर्क िें, उन्हो ंनेकु छ िहत्वपूणयररट िार्र की हैं।
- 1983 में, अलंकु लम, विरुदुनगर विलेमेंतवमलनाडुसीमेंट्स द्वारा उत्सविित औद्योवगक खतरनाक सामवियोंको रोकनेकेवलए प्रदू षण को रोकनेऔर उपचारात्मक कारि िाई करनेकेवलए उनकी ररट यावचका एक अंतररम आदेश को संभि बनानेकेवलए पयािप्त रूप सेसफल रही और पररणामस्वरूप संयंत्र को सुधार तक बंद कर वदया गया। उच्च न्यायालय नेतवमलनाडुसरकार को संयंत्र के आधुवनकीकरण और पयाििरण के अनुकू ल उपायोंको लागूकरनेकेवलए 70 करोड़ रुपयेसेअवधक की मंिूरी देनेका वनदेश वदया था। यह समय पर हस्तक्षेप रािपलायम और वशिकाशी क्षेत्रोंकेवकसानोंके वलए एक िीिनरक्षक था।
- चूंवक के रल की राज्य सरकार नेकं बम घाटी मेंकन्नगी मंवदर के भक्ोंकेवलए बाधाएं खड़ी की ं, उन्ोंनेतवमलनाडुके उपासकोंको पुवलस सुरक्षा केवलए रािी वकया और मद्रास के उच्च न्यायालय में पूिा करनेके लोगोंके अवधकार को बहाल वकया।
- 1983 में, उनकेररट नेसरकार को मानसून की विफलता के कारण वतरुनेलिेली और तूतीकोररन विलोंको सूखा प्रभावित विलोंकेरूप मेंघोवषत करनेकेवलए मिबूर वकया।
- उन्ोंनेवहरासत मेंहुई मौतोंसेसंबंवधत मामलोंपर कई िनवहत यावचकाएं दायर की ंऔर पीवड़तों केवलए मुआििा हावसल वकया।
- अदालत के हस्तक्षेप केवलए कृ वष और पयाििरण के मुद्ोंपर उनकी ररट अभी भी लंवबत हैं।
- Vउन्ोंनेविवभन्न सम्मोहक मुद्ोंपर राष्ट्रीय मानिावधकार आयोग-नई वदल्ली और राज्य मानिावधकार आयोग-चेन्नई मेंररट दायर की थी।
- िह कू डनकु लम मुद्ेके पहलेररट यावचकाकतािथे। िह राज्य सरकार द्वारा वनयुक् कई िांच आयोगों और कई िनवहत यावचकाओंकेवलए िकील केरूप मेंपेश हुए हैं। एक रािनीवतक कायिकतािकेरूप में, उन्ोंनेअक्सर िेलोंकी भीतरी दीिारोंको देखा है।
लिखी गई पुस्तकें
िह एक लेखक और सामहत्यकार हैंऔर िीमडर्ा और प्रकाशन िंडमलर्ो ंिेंएक उल्लेखनीर् व्यक्तित्व हैं। िह कथाई सोल्ली केसंर्ुि संपािक हैं- मथरु की केसाथ एक लोकगीत पमत्रका। राजनारार्ण (िर्ोिृद्ध तमिल लेखक) और आधुमनक तमिल सामहत्य केएक उत्साही पाठक। उन्हो ंनेअंग्रेजी और तमिल िेंकई मकताबेंमलखी हैं। कु छ िहत्वपूणयशीषयक इस प्रकार हैं:
- उरीमाइकुकु राल कोडुप्पोम (रािनीवतक, आवथिक और मानिावधकार मुद्ोंपर)
- मवनथा उरीमैगल एं डर ल एना? (मानिावधकारोंपर एक प्राइमर)
- वनवमरा िैक्कु म नेल्लई (वतरुनेलिेली विलेका एक इवतहास)
- तवमलनाडु- 50
- कररसल कावतल कविथाई चोलाई भारती
- ईलम तवमल का मुद्ा
- सेतुनहर पररयोिना
- 123 - भारत ओदथे! शून्य !! (अमेररका के साथ परमाणुसमझौता)
- थुक्कु क्कूथुक्कु
- मुलई पेररयारू बांध मुद्ा
- मानिावधकार अवधवनयम - कु छ नोट्स
- तवमलनाडुविधान पररषद
- डीएमके- सामाविक न्याय
- श्रीलंका मेंदण्ड सेमुक्तक्
And miles to go before I sleep.